यदि व्यक्ति के मन में इच्छाशक्ति है कुछ नया करने की,कुछ अच्छा करने की तो वह ऐसा कर सकता है। यह तो आपने लोगो की जूबनी सुना ही होगा लेकिन मेरठ के चौधरी चरण सिंह जिला कारागार में एक कैदी गौरव सिंह ने कुछ ऐसा ही करके दिखा इया है जिसके चलते आज वो चर्चा के विषय बने हुए हैं। जनपद मेरठ के जिला कारागार में आजीवन कारावास की सजा काट रहे गौरव प्रताप सिंह उर्फ अंकुर की कलाकारी और उनके हुनर के जेल में भी लोग मुरीद हो गए। दरअसल जेल की दीवारों पर बनी पेंटिंग को जो भी देखता है,वह गौरव सिंह की कलाकारी का मुरीद हो जाता है। गौरव सिंह की कलाकारी स्पष्ट रूप से बताती है कि गौरव सिंह एक बेहतरीन कलाकार हैं।
गौरव सिंह उत्तर प्रदेश के जनपद रायबरेली का रहने वाला है, महज 11 वर्ष की आयु में सन 2011 में हत्या के मामले में उसको पुलिस ने गिरफ्तार किया था। जिसके बाद गौरव सिंह को लखनऊ जेल में भेज दिया गया था। हालांकि लखनऊ जेल में रहते गौरव सिंह ने कुछ हरकते की जिनको देखते हुए उसको उन्नाव जेल में शिफ्ट किया गया और 2019 में एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ जिसमें एक शख्स जेल के अंदर तमंचा लहराते हुए दिखाई दे रहा था। उक्त मामले की जांच करने पर पता चला की तमंचा मिट्टी का बना हुआ है और इसको बनाने वाला गौरव सिंह है। गौरव की इन हरकतों को देखते हुए जेल प्रशासन ने उसको जनपद मेरठ के जिला कारागार में पहुंचा दिया।
जहां पर अदालत ने उसको उम्रकैद की सजा सुनाई। आजीवन कारावास सजा होने के बाद गौरव सिंह ने अपनी हरकतों पर लगाम लगाई और जेल प्रशासन के सहयोग से पेंटिंग कार्य में रुचि ली,और जेल के अंदर दीवारों पर कुछ पेंटिंग बनाई जो जेल में उपस्थित सभी कैदियों और अधिकारी द्वारा खूब पसंद की गई। इसी दौरान मेरठ नगर निगम की एक टीम प्रधानमंत्री जी द्वारा चलाए जा रहे स्वच्छ भारत अभियान के तहत जेल की दीवारों पर कुछ पेंटिंग बनाने के लिए पहुंची जिसमें जेल प्रशासन ने गौरव सिंह को एक सहयोगी की भूमिका निभाने का मौका दिया। जिसका फायदा गौरव सिंह ने बखूबी उठाया और अपने हाथ की कलाकारी से जेल की दीवारों पर इतनी सुन्दर पेंटिंग बनाई की जेल सुपरिटेंडेंट भी गौरव सिंह के कायल हो गए और उन्होंने गौरव सिंह को पेंटिंग का सारा सामान भेंट किया । गौरव सिंह ने अब तक लगभग 30 वॉल पेंटिंग व लगभग 250 कैनवस पेटिंग जेल में रहकर बनाई हैं।
इसको लेकर गौरव सिंह ने कहा कि जेल प्रशासन ने उसकी पेंटिंग के काम में बहुत मदद की और जेल के सुपरिटेंडेंट राकेश कुमार जी ने उन्हे एक पिता जैसा प्यार दिया। उन्होंने ही उसे पेंटिंग बनाने के लिए सारा सामान उपलब्ध कराया। और अब वह नए नए आइडिया पर पेंटिंग बनाने में सारा दिन व्यस्त रहता है।
मेरठ जिला कारागार के जेल सुपरिटेंडेंट राकेश कुमार जी का कहना है कि गौरव सिंह उर्फ अंकुर को पहले 25 रुपये प्रतिदिन मेहनताना दिया जाता था लेकिन अब उसको ₹40 प्रतिदिन के हिसाब से मेहनताना दिया जाता है और उसकी बनाई हुई पेंटिंग कई अधिकारियों को गिफ्ट के रूप में दी जा चुकी है। उनका कहना है कि उन्होंने अब गौरव प्रताप सिंह उर्फ अंकुर के पैसे बढ़ाए जाने को लेकर एक प्रस्ताव भी शासन को भेजा है जिसमें कम से कम 200 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से गौरव सिंह उर्फ अंकुर को मिले जिससे उसका घर परिवार भी अच्छे से चल सके।
जेल सुपरिटेंडेंट राकेश कुमार का कहना है कि हर किसी के अंदर कुछ ना कुछ अच्छाई छुपी होती है और उसको परखने की जरूरत होती हैं।कुछ गलतियाँ हो जाती है जो कानून की नजर में अपराध माने गये और इन्ही अपराधों के कारण लोग जेल तक पहुँच जाते हैं। इनमे से बहुत से लोग सुधरते भी है बस उनमे कुछ अच्छा और कुछ नया करने की इच्छाशक्ति होनी चाहिए ।