राष्ट्रपति भवन में रक्षा अलंकरण समारोह 2024 का आयोजन किया गया, जहां वीर जवानों को सम्मानित किया गया। इसमें कैप्टन अंशुमन सिंह को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया।
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सियाचिन में शहीद कैप्टन अंशुमन सिंह
कैप्टन अंशुमन सिंह, पंजाब रेजिमेंट की 26वीं बटालियन के आर्मी मेडिकल कोर के अधिकारी, सियाचिन में शहीद हुए। उन्होंने आग में फंसे कई जवानों की जान बचाई।
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राष्ट्रपति से सम्मान
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कैप्टन अंशुमन सिंह को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया। उनकी पत्नी स्मृति और मां मंजू ने यह सम्मान प्राप्त किया।
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शहीद की वीरता की कहानी
कैप्टन अंशुमन सिंह ने अपनी जान की परवाह किए बिना सियाचिन ग्लेशियर में आग की घटना में बहादुरी दिखाई। उनकी वीरता की कहानी सबको दहला गई।
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आग की घटना
19 जुलाई 2023 को सियाचिन ग्लेशियर में शार्ट सर्किट के कारण आग लगी। कैप्टन अंशुमन सिंह ने अपनी जान की परवाह किए बिना आग पर काबू पाने की कोशिश की और शहीद हो गए।
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पत्नी का भावुक संदेश
सम्मान लेते समय उनकी पत्नी ने कहा, "कैप्टन अंशुमन बहुत सक्षम थे और हमेशा कहते थे कि वह अपने सीने पर गोली खाकर मरना चाहते हैं।
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शादी और सियाचिन पोस्टिंग
फरवरी 2023 में कैप्टन अंशुमन सिंह की शादी हुई। 18 जुलाई 2023 को उन्होंने अपनी पत्नी से लंबी बातचीत की और 19 जुलाई को शहीद हो गए।
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पहली मुलाकात और प्यार
स्मृति ने बताया कि अंशुमन से उनकी पहली मुलाकात इंजीनियरिंग कॉलेज के पहले दिन हुई थी। आठ साल की दूरी के बाद उन्होंने फरवरी 2023 में शादी की।
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भावुक पल और यादें
स्मृति ने बताया कि अंशुमन ने कहा था कि अगले 50 साल में उनकी जिंदगी कैसी होगी। 19 जुलाई को उन्हें कॉल आया कि कैप्टन अंशुमन सिंह शहीद हो गए।
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वीरता का सम्मान
कैप्टन अंशुमन सिंह की वीरता की कहानी सुनकर हर कोई गर्व महसूस करता है। उनकी बहादुरी और समर्पण को हमेशा याद रखा जाएगा।