औरैया: चंबल नदी में लगातार बढ़ रहे पानी के कारण यमुना नदी में उफान आ गया है। गुरुवार शाम को यमुना का जलस्तर 105 मीटर पार कर 105.22 मीटर तक पहुंच गया, जिससे जिले में अलर्ट की स्थिति बन गई है। यमुना नदी में बढ़ते जलस्तर को देखते हुए जिला प्रशासन सतर्क हो गया है और एनडीआरएफ की टीम को तैनात किया गया है।
यमुना का बढ़ता जलस्तर
गुरुवार को यमुना नदी का जलस्तर (Auraiya Yamuna Nadi Jalstar) लगातार बढ़ता रहा। हर घंटे तीन से 4 सेमी. पानी बढ़ने से गुरुवार शाम लगभग 6 बजे यमुना नदी में बने पैमाने पर जल स्तर ने 105 मीटर का आंकड़ा पार कर 105.22 मीटर पर आमद दर्ज कराई। केंद्रीय जल आयोग के कर्मचारियों के अनुसार, चंबल में बढ़े पानी से यमुना नदी में जलस्तर में यह बढ़त हो रही है और अभी यह जारी है। यमुना नदी में खतरे का निशान 113 मीटर और चेतावनी बिंदु 112 मीटर पर अंकित है, ऐसे में जलस्तर अभी चेतावनी बिंदु से लगभग सात मीटर दूर है।
प्रशासन की तत्परता
यमुना नदी में बाढ़ के पानी को देखते हुए अजीतमल क्षेत्र के यमुना नदी किनारे स्थित सिकरोडी गांव में एनडीआरएफ की टीम पहुंची। एसडीएम अमित कुमार तिवारी की मौजूदगी में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और आठवीं एनडीआरएफ गाजियाबाद टीम के संयुक्त प्रयास से आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान एनडीआरएफ टीम के सदस्य अर्जुन देशवाल ने कई ग्रामीणों को आपदा जोखिम न्यूनीकरण के उपायों के बारे में जानकारी दी।
आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्यक्रम
एनडीआरएफ की टीम ने ग्रामीणों को आपदा की स्थिति में खुद और अन्य लोगों को बचाने के विभिन्न उपाय सिखाए। इनमें प्रमुख बिंदु थे:
- जलभराव से बचाव: बाढ़ के दौरान ऊंचे स्थानों पर कैसे शरण लें और सुरक्षित रहें।
- प्राथमिक चिकित्सा: आपात स्थिति में प्राथमिक चिकित्सा के महत्वपूर्ण कदम।
- बचाव उपकरणों का उपयोग: रस्सी, लाइफ जैकेट, और अन्य बचाव उपकरणों का सही उपयोग।
सुरक्षा के कदम
प्रशासन ने ग्रामीणों को अलर्ट रहने और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत मदद मांगने के निर्देश दिए हैं। एनडीआरएफ की टीम गांव में गश्त कर रही है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने के लिए प्रेरित कर रही है। प्रशासन ने बाढ़ के संभावित खतरों को देखते हुए आवश्यक उपाय किए हैं और बचाव कार्यों के लिए तैयार है।
ग्रामीणों की प्रतिक्रिया
सिकरोडी गांव के ग्रामीणों ने प्रशासन और एनडीआरएफ टीम की तत्परता की सराहना की। ग्रामीणों का कहना है कि इस प्रकार की तैयारियों से वे खुद को अधिक सुरक्षित महसूस कर रहे हैं और आपदा के समय सही कदम उठाने में सक्षम हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ टीम द्वारा सिखाए गए उपाय उनके लिए बहुत उपयोगी साबित हो रहे हैं।
चंबल नदी (Chambal River) में बढ़ते जलस्तर के कारण यमुना नदी में उफान आ गया है, जिससे जलस्तर 105 मीटर पार कर गया है। जिला प्रशासन और एनडीआरएफ की टीम स्थिति को संभालने के लिए तत्पर हैं और ग्रामीणों को आपदा से बचने के उपाय सिखा रहे हैं। इस प्रकार की पहल से न केवल आपदा प्रबंधन में सुधार होता है बल्कि लोगों की जान-माल की सुरक्षा भी सुनिश्चित होती है। प्रशासन ने जनता से अपील की है कि वे सतर्क रहें और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत मदद मांगें।