बाल विवाह जागरूकता अभियान: मिशन शक्ति फेज 5 के तहत आज जनपद औरैया में बाल विवाह के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से विशेष अभियान चलाया गया। जिलाधिकारी श्री इन्द्रमणि त्रिपाठी, अपर जिलाधिकारी श्री महेन्द्र पाल सिंह और अपर पुलिस अधीक्षक श्री आलोक मिश्रा ने मानस सभागार कक्ष, कलक्ट्रेट ककोर में एक परिचर्चा का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में जनपद में रोके गए बाल विवाहों पर चर्चा की गई और इसके दुष्परिणामों को उजागर किया गया।
जिलाधिकारी श्री त्रिपाठी ने कहा कि बाल विवाह न केवल एक सामाजिक कुरीति है, बल्कि यह बालिकाओं के शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास को बाधित करता है। उन्होंने समाज में बाल विवाह की रोकथाम के लिए जनसहयोग की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि जागरूकता से ही इस समस्या का समाधान संभव है।
परिचर्चा के दौरान, विभिन्न अधिकारियों और कर्मचारियों ने अपने अनुभव साझा किए और बाल विवाह रोकने के लिए कानून और नीतियों की जानकारी दी। कार्यक्रम में बालिकाओं के सम्मान में उपहार प्रदान कर उन्हें प्रोत्साहित किया गया। जिलाधिकारी ने बालिकाओं को समाज में उनके अधिकारों के प्रति जागरूक होने का संदेश दिया और उन्हें उनके भविष्य के प्रति आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा दी।
अपर जिलाधिकारी श्री महेन्द्र पाल सिंह और अपर पुलिस अधीक्षक श्री आलोक मिश्रा ने भी बाल विवाह के कानूनी पहलुओं और इसके खिलाफ कड़े कानूनों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रशासन इस दिशा में सख्ती से काम कर रहा है और बाल विवाह करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इस अवसर पर अन्य अधिकारी और कर्मचारीगण भी उपस्थित थे, जिन्होंने बाल विवाह के उन्मूलन के लिए मिलकर काम करने का संकल्प लिया। मिशन शक्ति के इस चरण में बालिकाओं के सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें और समाज में सम्मानपूर्वक जीवन जी सकें। प्रशासन ने जनसामान्य से अपील की है कि वे बाल विवाह जैसी कुप्रथा को जड़ से खत्म करने में सहयोग करें और बालिकाओं के उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करें।
कार्यक्रम के अंत में बालिकाओं को उपहार देकर उनका उत्साहवर्धन किया गया और उन्हें समाज में अपनी पहचान बनाने के लिए प्रेरित किया गया।