रिपोर्ट- आयुष गुप्ता (छोटू)
औरैया- बेशक, अभी जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए तारीख तय न हुई हो और न ही कोई प्रशासनिक प्रक्रिया शुरू हुई हो मगर मुलायम के अभेद किले “औरैया” में अध्यक्ष पद पर काबिज होने के लिए समाजवादी पार्टी अभी से ही मचलने लगी है। यह नजारा तब देखने को मिला जब जीते हुए नवनिर्वाचित जिला पंचायत सदस्यों को प्रमाण पत्र दिलाने के लिए पार्टी के बड़े नेता खुद जिला पंचायत पहुंचे थे। हालांकि इस बार इस पद पर सपा ने लगभग 10 से 11 सदस्य जिता लिए हैं। माना जा रहा है इस पद पर काबिज होने के लिए उन्हें तीन चार सदस्यों की तोड़फोड़ करनी होगी। यह अलग बात है कि भाजपा और बसपा भी इस चुनाव में कूदने के लिए पूरी तरह से बेताब हैं।
जिले में इस बार जिला पंचायत अध्यक्ष पद की सीट अनुसूचित जाति सुरक्षित कोटे में है। औरैया में जिला पंचायत सदस्य कुल 23 हैं। अभी हाल में ही संपन्न हुए पंचायत चुनाव की मतगणना के बाद जिला पंचायत सदस्य पद पर सबसे ज्यादा सपा समर्थित प्रत्याशी जीत कर आए हैं जबकि बसपा और भाजपा के पास 4-4 सीट पहुंची हैं। कुछ सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी कब्जा जमाया है। अब जिला पंचायत सदस्य चुने जाने के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष पद का चुनाव होना है। ऐसे में इस चुनाव की तैयारियां राजनीतिक दलों ने तेज कर दी हैं। हालांकि निर्वाचन कार्यालय की ओर से न तो कोई तारीख तय की गई है और न ही कोई चुनावी प्रक्रिया शुरू हुई है मगर इस पद पर कब्जा करने के लिए सभी दल मचलने लगे हैं। सबसे ज्यादा इस पद पर काबिज होने के लिए समाजवादी पार्टी मचलती नजर आ रही है क्योंकि इस बार सपा के पाले में 10 से 11 सीटें आई हैं और अध्यक्ष पद पर कब्जा करने के लिए 12 सदस्य होना जरूरी होता है इस तरह से समाजवादी पार्टी अपने पाले में आई सीटों को मिलाकर कुछ अन्य लोगों की तोड़फोड़ करने की भी तलाश में हैं। ताकि वह फिर से अध्यक्ष पद पर कब्जा जमा ले। भाजपा बसपा ने भी जोड़-तोड़ शुरू कर दी है । मालूम हो कि औरैया,इटावा, कन्नौज और मैनपुरी को समाजवादी पार्टी का किला माना जाता है और जब सूबे में सपा की सरकार होती है तो इन 4 जिलों को विशेष महत्व मिलता है । ऐसे में अपने किले पर कब्जा बनाए रखने के लिए समाजवादी पार्टी के जिम्मेदार नेता व कार्यकर्ता पूरी जोड़-तोड़ में लगे हुए हैं।
यहां बता दें की पिछली बार जब जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव हुआ था तब समाजवादी पार्टी से राजवीर यादव जिला पंचायत अध्यक्ष बन कर आए थे। हालांकि बाद में सत्ता परिवर्तन के बाद अविश्वास प्रस्ताव लाया गया और भाजपा खेमे से चुनाव लड़े दीपू सिंह ने सपा प्रत्याशी सुधीर उर्फ कल्लू यादव को चुनाव हराकर यह सीट अपने पाले में डाल ली थी। अब एक बार फिर से समाजवादी पार्टी खोई हुई सीट को वापस लेने की पूरी तैयारियों में लगी हुई है । देखना यह होगा जब अध्यक्ष पद का चुनाव होगा तब समाजवादी पार्टी इस पद पर काबिज हो पाती है या नहीं । फ़िलहाल हर कोशिश अध्यक्ष पद पाने के लिए सपाइयों द्वारा की जा रही है।
जेल में रहकर चुनाव जीते धर्मेंद्र यादव
औरैया- छात्र राजनीति से अपनी राजनीति शुरू करने वाले धर्मेंद्र यादव समाजवादी पार्टी के फ्रंटल संगठनों में कई पदों पर आसीन रह चुके हैं और ऊमरसाना गांव से एक बार प्रधान रहे हैं जबकि अगली बार उनकी माताजी प्रधान चुनी गई थी। एक बार फिर से उन्होंने इस पद पर कब्जा कर लिया है। सबसे खास बात यह है कि भाग्यनगर चतुर्थ सीट से सपा समर्थित प्रत्याशी के रूप में जिला पंचायत सदस्य पद पर धर्मेंद्र यादव चुनाव मैदान में थे। मौजूदा समय में वह जेल में बंद है । जेल से ही उन्होंने जिला पंचायत सदस्य पद का चुनाव लड़ा ।इतना ही नहीं वह जिले में सबसे अधिक मतों से विजयी हुए हैं। बताया गया है कि धर्मेंद्र यादव ने लगभग 10,000 से अधिक मत पाकर जीत हासिल की है । उनसे जुड़े लोगों की माने तो उनका कहना है जनता के बीच बेदाग और अच्छी छवि होने की वजह से उन्हें क्षेत्र की जनता ने इतना अपार बहुमत देकर विजयश्री हासिल कराई हैं।
जीत का श्रेय मिल रहा सपा जिला अध्यक्ष को
औरैया- जिला पंचायत सदस्य पद पर सपा समर्थित प्रत्याशियों को मिली अपार जीत का श्रेय सपा के जिला अध्यक्ष राजवीर यादव को मिला है।अधिकतर जीते प्रत्याशी उन्हीं की देन अपनी जीत पर बता रहे हैं । वहीं उन्होंने पूर्व विधायक प्रदीप यादव सपा जिला उपाध्यक्ष अवधेश भदोरिया को भी जीत का श्रेय दिया । सपा जिला अध्यक्ष राजवीर यादव ने सभी नवनिर्वाचित जिला पंचायत सदस्यों को बधाई दी है।