46 Years of Emergency: 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पूरे देश में आपातकाल की घोषणा कर दी थी। आज (२५ जून, २०२१) आपातकाल की घोषणा की ४६वीं वर्षगांठ है, जो स्वतंत्र भारत के राजनीतिक इतिहास के सबसे अधिक बहस और विवादित विषयों में से एक है। प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा 1975 से 1977 तक 21 महीने की अवधि के लिए आपातकाल की घोषणा की गई थी। मौजूदा “आंतरिक अशांति” के कारण संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद द्वारा आधिकारिक तौर पर जारी किया गया, आपातकाल 25 जून, 1975 से 21 मार्च, 1977 को वापस लेने तक प्रभावी था।
आपातकाल की घोषणा क्यों की गई?
देश में 21 महीने लंबे आपातकाल का लक्ष्य “आंतरिक अशांति” को नियंत्रित करना था, जिसके लिए संवैधानिक अधिकारों को निलंबित कर दिया गया था और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और प्रेस को वापस ले लिया गया था। यह आदेश प्रधान मंत्री को डिक्री द्वारा शासन करने का अधिकार देता है, चुनावों को निलंबित करने और नागरिक स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने की अनुमति देता है। आपातकाल लगाने का अंतिम निर्णय इंदिरा गांधी द्वारा प्रस्तावित किया गया था , राष्ट्रपति द्वारा सहमति व्यक्त की गई थी, और उसके बाद इसकी पुष्टि की गई थी। कैबिनेट और संसद (जुलाई से अगस्त 1975 तक), इस तर्क के आधार पर कि भारतीय राज्य के लिए आसन्न आंतरिक और बाहरी खतरे थे। आपातकाल को स्वतंत्र भारत के इतिहास के सबसे विवादास्पद अवधियों में से एक माना जाता है।
‘देश आपातकाल के काले दिनों को कभी नहीं भूलेगा’
आपातकाल की घोषणा की 46 वीं वर्षगांठ पर, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि “कांग्रेस ने हमारे लोकतांत्रिक लोकाचार को कुचल दिया”। 25 जून, 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पूरे देश में आपातकाल की घोषणा कर दी थी।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर कहा कि देश आपातकाल के काले दिनों को कभी नहीं भूलेगा। “#DarkDaysOfEmergency को कभी नहीं भुलाया जा सकता है। 1975 से 1977 तक की अवधि में संस्थानों का व्यवस्थित विनाश देखा गया।
The #DarkDaysOfEmergency can never be forgotten. The period from 1975 to 1977 witnessed a systematic destruction of institutions.
Let us pledge to do everything possible to strengthen India’s democratic spirit, and live up to the values enshrined in our Constitution.
— Narendra Modi (@narendramodi) June 25, 2021
मोदी जी ने अपने ट्वीट में कहा, “हम उन सभी महानुभावों को याद करते हैं जिन्होंने आपातकाल का विरोध किया और भारतीय लोकतंत्र की रक्षा की।आइए हम भारत की लोकतांत्रिक भावना को मजबूत करने के लिए हर संभव प्रयास करने और हमारे संविधान में निहित मूल्यों को जीने का संकल्प लें।”
This is how Congress trampled over our democratic ethos. We remember all those greats who resisted the Emergency and protected Indian democracy. #DarkDaysOfEmergency https://t.co/PxQwYG5w1w
— Narendra Modi (@narendramodi) June 25, 2021
‘स्वतंत्र भारत के इतिहास में एक काला अध्याय‘
केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने शुक्रवार को 25 जून 1975 को याद किया और कहा कि देश में एक परिवार के खिलाफ आवाज दबाने के लिए आपातकाल लगाया गया था और इसे इतिहास का एक काला अध्याय करार दिया। स्वतंत्र भारत की। शाह ने ट्विटर पर कहा, “एक परिवार के खिलाफ आवाज दबाने के लिए लगाया गया आपातकाल स्वतंत्र भारत के इतिहास का एक काला अध्याय है। देश के संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए अथक संघर्ष करने वाले सभी देशवासियों के बलिदान को सलाम 21 महीने तक निर्मम शासन की क्रूर यातनाओं को झेलते हुए।”
एक परिवार के विरोध में उठने वाले स्वरों को कुचलने के लिए थोपा गया आपातकाल आजाद भारत के इतिहास का एक काला अध्याय है।
21 महीनों तक निर्दयी शासन की क्रूर यातनाएं सहते हुए देश के संविधान व लोकतंत्र की रक्षा के लिए निरंतर संघर्ष करने वाले सभी देशवासियों के त्याग व बलिदान को नमन।
— Amit Shah (@AmitShah) June 25, 2021
कांग्रेस के स्वार्थ और अहंकार को दोष देते हुए शाह ने कहा, “आज ही के दिन 1975 में कांग्रेस ने सत्ता के स्वार्थ और अहंकार में देश पर आपातकाल लगाकर दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की हत्या कर दी थी। असंख्य सत्याग्रहियों को रातों-रात जेल में डाल दिया गया था और प्रेस पर ताला लगा दिया गया था। नागरिकों के मौलिक अधिकारों को छीनकर संसद और अदालत को मूकदर्शक बना दिया।
1975 में आज ही के दिन कांग्रेस ने सत्ता के स्वार्थ व अंहकार में देश पर आपातकाल थोपकर विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की हत्या कर दी। असंख्य सत्याग्रहियों को रातों रात जेल की कालकोठरी में कैदकर प्रेस पर ताले जड़ दिए। नागरिकों के मौलिक अधिकार छीनकर संसद व न्यायालय को मूकदर्शक बना दिया। pic.twitter.com/SvFmEXKYcn
— Amit Shah (@AmitShah) June 25, 2021