औरैया : दिबियापुर थाना क्षेत्र में अनुसूचित जाति की एक किशोरी से बलात्कार के मामले में ढोंगी बाबा हकीम को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। इस मामले में विशेष न्यायाधीश पोक्सो एक्ट मनराज सिंह ने दोषी बाबा को न केवल उम्रकैद की सजा सुनाई, बल्कि 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। यह घटना दो वर्ष पहले घटित हुई थी, जब बाबा ने किशोरी के साथ एक गहरे नाले में बलात्कार किया था।
ढोंगी बाबा हकीम को मिली उम्रकैद की सजा, किशोरी से बलात्कार के मामले में न्यायालय ने सुनाया कठोर फैसला
दिबियापुर थाना क्षेत्र में 15 अप्रैल 2022 को जब किशोरी घर से थोड़ी दूर कंडे निकालने गई थी, तभी पड़ोस में रहने वाले ढोंगी बाबा हकीम पुत्र सुवरती ने उसे पकड़ लिया और गहरे नाले में ले जाकर बलात्कार किया। किशोरी का भाई मौके पर पहुंच गया और उसने बाबा को रंगे हाथों पकड़ लिया। भाई की बहादुरी से बाबा घबरा गया और वहां से भाग खड़ा हुआ। परिवार ने तुरंत पुलिस को सूचना दी और मामला दर्ज किया गया। अभियोजन की ओर से पैरवी कर रहे डीजीसी अभिषेक मिश्रा और विशेष लोक अभियोजक मृदुल मिश्रा ने यह भी जानकारी दी कि बाबा ने रुपयों का लालच देकर पीड़िता को चुप रहने का दबाव डाला था।
न्यायालय का फैसला
विशेष न्यायाधीश पोक्सो एक्ट, मनराज सिंह ने मामले की गहन जांच के बाद बाबा हकीम को दोषी पाया। न्यायालय ने दोषी बाबा को उम्रकैद की सजा सुनाई और साथ ही 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि ऐसे ढोंगी बाबाओं को समाज में किसी भी प्रकार की सहानुभूति नहीं मिलनी चाहिए और उन्हें कठोर सजा मिलनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई और ऐसी घिनौनी हरकत करने की हिम्मत न कर सके। दोषी को इटावा जेल भेज दिया गया।
विशेष लोक अभियोजक पोक्सो मृदुल मिश्रा ने इस घिनौने अपराध के लिए कठोर दंड की बहस की। वहीं, बचाव पक्ष की ओर से न्यायभित्र अधिवक्ता ने उसे निर्दोष बताया। दोनों पक्षकारों को सुनने के बाद न्यायालय ने यह कठोर फैसला सुनाया।
दिबियापुर थाना (Dibiyapur Thana) क्षेत्र की इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि कानून का शिकंजा ऐसे अपराधियों पर कसता है। ढोंगी बाबा हकीम को मिली उम्रकैद की सजा न्याय की जीत है और यह भविष्य में अपराधियों के लिए एक सख्त चेतावनी है। न्यायालय के इस फैसले ने पीड़िता और उसके परिवार को न्याय दिलाया है और समाज को एक मजबूत संदेश दिया है।