ताजा खबर हमीरपुर जनपद से है, जहाँ राठ विधानसभा से विधायक रह चुके गयादीन अनुरागी ने सपा का दामन छोड़ अब कांग्रेस का हाथ थाम लिया है।
आपको बता दें कि पूर्व में गयादीन अनुरागी कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष पद पर आसीन थे, लेकिन 2022 विधानसभा चुनाव के ठीक पहले उन्होंने सपा का दामन थाम लिया था।
दूसरी ओर अब उन्होंने अपनी गलती मानते हुए कांग्रेस का हाथ फिर से थाम लिया है और घर वापसी कर ली है।
हमीरपुर के राठ विधानसभा के पूर्व विधायक गयादीन अनुरागी 2012 में विधायक चुने गए थे, उन्होंने इस सीट पर समाजवादी पार्टी के नेता अंबेश कुमारी को 92 हजार से अधिक मतों से चुनाव हराया था, अगर उनके राजनीतिक कैरियर की शुरुआत की बात करें। तो वह बीकेडी डिग्री कॉलेज के छात्र संघ के अध्यक्ष रहे हैं. इसके बाद साल 1991 में मऊरानीपुर से बसपा से विधानसभा का चुनाव लड़ा था पर हार गए थे। उस के बाद 1993 से 1995 तक वह बसपा के प्रभारी रहे, इसके अलावा वह जिला पंचायत सदस्य भी रह चुके हैं।
कांग्रेस पार्टी के नेताओं का कहना है कि गयादीन अनुरागी के पार्टी में शामिल होने से पार्टी दलित समाज के लोगों के बीच में भी पकड़ मजबूत होगी, वहीं कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर मुस्लिम व दलित वोटो पर विशेष तौर पर फोकस कर रही है। इसी क्रम में पार्टी अपने पुराने नेताओं जो किसी कारणवश पार्टी छोड़कर चले गए थे उन्हें दोबारा से साथ लाने के प्रयास शुरू किया हैं।
प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभालने के बाद ही अजय राय ने साफ तौर पर कहा था कि कांग्रेस छोड़कर चले गए पुराने साथियों को वह दोबारा से साथ लाने की कोशिश करेंगे। इसी कड़ी में 2022 के चुनाव से पहले पार्टी छोड़कर अलग हुए बड़े मुस्लिम नेता इमरान मसूद व गयादीन अनुरागी की वापसी भी इसी कड़ी का हिस्सा है।