Auraiya District: उत्तर प्रदेश के कानपुर मंडल में स्थित औरैया जनपद अपनी ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक विशेषताओं के लिए प्रसिद्ध है। यह जिला 17 सितंबर, 1997 को औरैया और बिधूना तहसीलों को इटावा जिला से अलग करके एक नए जिले के रूप में स्थापित किया गया था। यह जिला राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 2 (मुग़ल सराय रोड) पर स्थित है, जो इटावा जिला मुख्यालय के पूर्व में 64 किमी और कानपुर शहर के पश्चिम में 105 किमी की दूरी पर है। औरैया नगर इस जिले का मुख्यालय भी है।
औरैया जनपद में कुल 3 तहसीलें हैं:
इसके अतिरिक्त, औरैया जनपद में कुल 7 ब्लॉक हैं:
वर्तमान में, औरैया के जिला अधिकारी डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी (आई.ए.एस) हैं, और पुलिस अधीक्षक (SP) श्री अभिजीत आर शंकर हैं।
“Auraiya District Map”
औरैया का इतिहास बहुत पुराना और समृद्ध है। यह क्षेत्र सेंगर राजपूतों की वीर स्थली है। सेंगर वंशीय कनारधनी महाराजाधिराज श्री विशोक देव का विवाह कन्नौज के सम्राट जयचंद गहरवार (राठौड़) की बहन देवकला से हुआ था। दहेज में उन्हें यह पूरा क्षेत्र प्राप्त हुआ था। यहाँ का प्रसिद्ध देवकली मंदिर भी इन्हीं ने अपनी पत्नी देवकला के नाम पर बनवाया था। ग्वारी राजवंश का भी यहाँ विशेष महत्व है। 18वीं शताब्दी में राजा रतन सिंह लोधी राजपूत यहां राज करते थे। उनकी वीरता और शौर्य गाथाएँ आज भी प्रचलित हैं।
औरैया जिले (Auraiya Jila) में कई धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल हैं जो पर्यटकों और श्रद्धालुओं को आकर्षित करते हैं। कुछ प्रमुख स्थल हैं:
औरैया जिला उत्तर प्रदेश राज्य सरकार द्वारा घोषित औद्योगिक क्षेत्र के पिछड़े जिलों में से एक है। केवल दो शहर के क्षेत्र, दिबियापुर और औरैया, मुख्य उद्योगों से सुसज्जित हैं। इन दो क्षेत्रों में चावल-मिलों और दल-मिलों अच्छी तरह से काम कर रहे हैं। इन मिलों के अलावा कुछ स्टील फर्नीचर और सीमेंट उत्पादों के विभिन्न स्थानों पर स्थित औरैया जिले में छोटे पैमाने पर उद्योग हैं। इन लघु उद्योगों के लिए कच्ची सामग्री आगरा और कानपुर से आयात की जाती है।जिले में उत्पादों को बेचने के लिए कम से कम सुविधाएं हैं और इसलिए बिक्री मुख्य रूप से आसपास के जिलों पर निर्भर है। मुख्य रूप से, चावल, दालें और देसी घी को बड़े पैमाने पर अन्य जिलों और राज्यों में निर्यात किया जाता है।औरैया शहर में लकड़ी के फर्नीचर का काम बड़े पैमाने पर होता है और इसकी लागत और गुणवत्ता के कारण, फर्नीचर ने पास के जिलों के बाजार में एक अच्छी जगह बनाई है।
एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत औरैया जिले को देशी घी उत्पाद के लिए चयनित किया गया है। औरैया में पशुपालन की बेहतर संभावनाओं को देखते हुए यह उत्पाद चुना गया है। इस योजना के तहत जिले के प्रमुख उत्पाद को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई जाएगी। औरैया जनपद (Auraiya Janpad) प्रदेश के दक्षिणी भाग में स्थित है। यहाँ पर पशुपालन एक मुख्य व्यवसाय है। यह जनपद देशी घी का एक प्रमुख उत्पादक है। अन्य राज्यों में यहाँ का तैयार घी भेजा जाता है।
उत्तर प्रदेश के ह्रदय में स्थित औरैया जनपद प्राकृतिक सौंदर्य और अद्वितीय जलवायु के कारण एक विशेष स्थान रखता है। यह क्षेत्र अपने प्राकृतिक दृश्यों, ऐतिहासिक महत्व और सांस्कृतिक धरोहर के साथ-साथ अपनी मनमोहक जलवायु के लिए भी प्रसिद्ध है। आइए, औरैया जनपद के प्राकृतिक सौंदर्य और जलवायु के बारे में विस्तार से जानते हैं।
1. यमुना नदी का किनारा: औरैया जनपद यमुना नदी के तट पर स्थित है, जो इसकी प्राकृतिक सुंदरता में चार चांद लगाती है। यमुना का साफ नीला पानी और उसके किनारे की हरियाली पर्यटकों और स्थानीय निवासियों के लिए एक शांत और सुकूनभरी जगह प्रदान करती है।
2. हरित क्षेत्र और कृषि भूमि: यह क्षेत्र अत्यधिक उपजाऊ है और यहाँ के ग्रामीण इलाके हरे-भरे खेतों और बागों से आच्छादित हैं। सरसों के फूलों से भरे खेत, गेहूँ और धान की फसलें इस क्षेत्र के प्राकृतिक सौंदर्य को और बढ़ाते हैं।
3. सेंगर नदी का सौंदर्य: औरैया में बहने वाली सेंगर नदी भी यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके किनारे पर बसा प्राकृतिक वातावरण और शांत जलधारा एक अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करती है।
औरैया जनपद की जलवायु मुख्य रूप से उष्णकटिबंधीय है, जो यहाँ के निवासियों और पर्यटकों के लिए सुखद अनुभव प्रदान करती है। यहाँ की जलवायु को तीन मुख्य ऋतुओं में बांटा जा सकता है:
1. ग्रीष्म ऋतु: गर्मी का मौसम अप्रैल से जून तक रहता है। इस दौरान तापमान 35°C से 45°C के बीच हो सकता है। हालांकि, यमुना और सेंगर नदियों की नज़दीकी के कारण यहाँ की हवा में थोड़ी नमी बनी रहती है, जिससे अत्यधिक गर्मी से राहत मिलती है।
2. मानसून: जुलाई से सितंबर के बीच में मॉनसून का मौसम होता है। इस अवधि में अच्छी खासी बारिश होती है, जो खेतों और बागों को हरा-भरा बनाती है। वर्षा के कारण तापमान में भी गिरावट आती है और चारों तरफ हरियाली छा जाती है। जिले में औसत वार्षिक वर्षा लगभग 792 मिलीमीटर होती है, जो कृषि के लिए अनुकूल है ।
3. शीत ऋतु: अक्टूबर से मार्च तक शीत ऋतु का समय होता है। इस दौरान तापमान 8°C से 25°C के बीच रहता है। ठंडी हवाएँ और सुबह की धुंध यहाँ के वातावरण को मनमोहक बना देती हैं। सर्दियों के मौसम में यहाँ का प्राकृतिक सौंदर्य अपने चरम पर होता है।
औरैया जिले में कुल 3 विधानसभा सीटें हैं: औरैया, दिबियापुर और बिधूना। साथ ही, यह जिला दो संसदीय क्षेत्रों, इटावा लोकसभा और कन्नौज लोकसभा में विभाजित है।
औरैया विधानसभा उत्तर प्रदेश विधान सभा का एक निर्वाचन क्षेत्र है जो औरैया शहर को कवर करता है। यह इटावा लोकसभा क्षेत्र के पांच विधानसभा क्षेत्रों में से एक है। 2017 में, भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार रमेश दिवाकर ने जीत हासिल की थी । वर्तमान विधायक गुड़िया कठेरिया हैं, जिन्होंने 2022 के चुनाव में जीत हासिल की।
दिबियापुर विधानसभा भी इटावा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का एक हिस्सा है। इसमें औरैया और बिधूना तहसील के कुछ हिस्से शामिल हैं। 2017 में, भारतीय जनता पार्टी के लखन सिंह ने जीत हासिल की थी, जबकि 2022 में समाजवादी पार्टी के प्रदीप यादव ने जीत दर्ज की।
बिधूना विधानसभा कन्नौज लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है। यह विधानसभा क्षेत्र 403 निर्वाचन क्षेत्रों में से 202 क्रमांक पर है। 2017 में, भारतीय जनता पार्टी के विनय शाख्य ने जीत हासिल की थी, जबकि 2022 में समाजवादी पार्टी की रेखा वर्मा ने चुनाव जीता।
औरैया जनपद (Auraiya Janpad) अपनी सांस्कृतिक विरासत, प्राकृतिक सौंदर्य और कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था के लिए जाना जाता है। यहाँ के लोगों की विविधता और उनके जीवन का तरीका इस जिले को एक विशेष पहचान देता है। औरैया की यात्रा एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करती है, जहाँ इतिहास, संस्कृति और आधुनिकता का एक सुंदर मिश्रण देखने को मिलता है। अगर आप उत्तर प्रदेश की वास्तविकता और उसकी धरोहर को जानना चाहते हैं, तो औरैया की यात्रा अवश्य करें।
उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में कुल 827 गांव हैं। ये गांव जिले के विभिन्न तहसीलों और ब्लॉकों में विभाजित हैं, जिनमें से प्रत्येक गांव की अपनी अनूठी पहचान और संस्कृति है।
औरैया जिला अपने देसी घी उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ODOP) योजना के अंतर्गत औरैया के देसी घी को विशेष पहचान मिली है। इसके अलावा, यह क्षेत्र तेल उत्पादन और कृषि गतिविधियों के लिए भी जाना जाता है।
औरैया जिला 17 सितंबर 1997 को इटावा जिले से अलग होकर एक स्वतंत्र जिला बना। इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य प्रशासनिक सुविधा और विकास को गति देना था।
लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) के उपाध्यक्ष डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी को औरैया जिले का नया जिलाधिकारी (Auraiya New DM) नियुक्त किया गया है। उन्होंने श्रीमती नेहा प्रकाश का स्थान लिया है, जिन्हें उत्तर प्रदेश के प्रशिक्षण और रोजगार निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है।
औरैया जिले में ‘फफूंद रेलवे स्टेशन’ प्रमुख रेलवे स्टेशन है। यह स्टेशन भारतीय रेलवे के उत्तरी मध्य रेलवे क्षेत्र के अंतर्गत आता है और जिले के विभिन्न हिस्सों को जोड़ता है।
औरैया के वर्तमान पुलिस अधीक्षक (SP Auraiya) श्रीमती चारू निगम हैं। वह जिले की कानून-व्यवस्था बनाए रखने और अपराध नियंत्रण में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं।
औरैया जिला का कोड 285 है। यह कोड प्रशासनिक और सांख्यिकी उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाता है।
2011 की जनगणना के अनुसार, औरैया जिले की कुल जनसंख्या लगभग 1,372,497 है। इस जनसंख्या में ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के लोग शामिल हैं, जिनमें से अधिकांश की आजीविका कृषि पर निर्भर है।
औरैया का एसटीडी कोड (Auraiya STD Code) – 05683 है। यह कोड टेलीफोनिक संचार में उपयोग किया जाता है।
औरैया जनपद का मुख्यालय (Headquarters of Auraiya) ककोर (Kakor) में स्थित है। यह शहर जिले का प्रशासनिक केंद्र है और यहां विभिन्न सरकारी कार्यालय स्थित हैं।
औरैया में कुल 23 जिला पंचायत सीटें हैं। ये सीटें विभिन्न क्षेत्रों में विभाजित हैं, जिनमें औरैया-1, औरैया-2, औरैया-3, औरैया-4, अजीतमल-1, अजीतमल-2, अजीतमल-3, भाग्यनगर-1, भाग्यनगर-2, भाग्यनगर-3, भाग्यनगर-4, सहार-1, सहार-2, सहार-3, एरवाकटरा-1, एरवाकटरा-2, एरवाकटरा-3, अछल्दा-1, अछल्दा-2, अछल्दा-3, बिधूना-1, बिधूना-2, और बिधूना-3 शामिल हैं। इन सीटों के माध्यम से औरैया जिले के विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व होता है और ये क्षेत्रीय विकास और प्रशासन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
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