रिपोर्ट: सतेन्द्र सिंह सेंगर
औरैया: अजीतमल क्षेत्र के अशोक नगर बाबरपुर निवासी रवि कुमार(पत्रकार) की 8 वर्षीय पुत्री रिया की तबियत 30 अक्टूबर 2020 को खराब हो गई थी। पीड़ित अपनी पुत्री रिया को तत्काल अजीतमल सीएससी लेकर गया जहाँ सीएससी अधीक्षक विमल गौतम ने बच्ची की ब्लड जांच के लिए बोला था। पीड़ित ने अपनी पुत्री की ब्लड जांच बाबरपुर स्थित बघेल पैथोलॉजी सेंटर पर कराई थी जिसमें मलेरिया व टाइफाइड की पॉजिटिव रिपोर्ट आई थी। रिपोर्ट के आधार पर अधीक्षक विमल गौतम ने मासूम का इलाज शुरू कर दिया था, मगर मासूम की हालत ज्यादा बिगड़ने पर पीड़ित अपनी पुत्री रिया को 23 अक्टूबर को इटावा स्थित सुशीला हॉस्पिटल लेकर गया था जहां पुत्री की पुनः ब्लड जांच कराई गई थी जो कि रिपोर्ट में डेंगू की पुष्टि हुई वहां से डाक्टरों ने मासूम रिया को आगरा के लिए रेफर कर दिया था। रिया की हालत ज्यादा खराब होने की चलते डॉक्टर ने आगरा से जयपुर के लिए रेफर कर दिया था जहां उसकी दर्दनाक मृत्यु हो गई थी।
पीड़ित के आरोप के मुताबिक बघेल पैथोलॉजी में गलत रक्त जांच रिपोर्ट संचालक अनिल बघेल द्वारा दी गई थी। जिसके बाद पीड़ित ने अपने अन्य जानकार लोगों की जांच बघेल पैथोलॉजी पर स्वस्थ्य लोगों की कराई जिसमें स्वस्थ्य लोगों की रिपोर्ट भी मलेरिया टाइफाइड की पॉजिटिव रिपोर्ट दी गई। जिनकी पुनः जांच इटावा और कानपुर में प्रमाणित पैथोलॉजी में कराई गई जहां उक्त लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव पाई गई।
जांच के आधार पर पीड़ित ने उक्त पैथोलॉजी संचालक अनिल बघेल के खिलाफ मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार,इटावा लोक सभा सांसद व मुख्य चिकित्सा अधिकारी औरैया से शिकायत की मगर 1 माह बीत जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने मासूम की मौत का मजाक बनाकर रखा है। जांच के नाम पर महज खानापूर्ति कर जिम्मेदार लोग अपनी कारगुजारीओं को छुपाकर पल्ला झाड़ने में लगे हुए हैं । दिनांक 8 दिसंबर को मुख्य चिकित्सा अधिकारी अर्चना श्रीवास्तव ने उक्त बघेल पैथलॉजी की जांच की जिसमें पैथोलॉजी संचालक अनिल बघेल जोकि सीएससी अजीतमल में में पदस्य कार्यरत है उन्हें बुलाकर अकेले मैं गुप्तगू कर निकल गई। इससे साफ स्पष्ट प्रतीत होता है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा मासूम रिया की मौत का मजाक बनाया जा रहा है जो जांच के नाम पर महज खानापूर्ति की जा रही है तथा अजीतमल बाबरपुर अटसू व आसपास के क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग के रहमों करम पर बड़े पैमाने पर अवैध पैथोलॉजी, नर्सिंग होम, क्लिनिक, अस्पताल संचालित हो रहे हैं। झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार लगी है जो लोगों के स्वास्थ्य के नाम पर उनकी जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
ऐसा ही एक मामला वेरी कपरिया निवासी इच्छा राम गुप्ता के साथ हुआ था जिसमें बाबरपुर स्थित डॉ सलीम के यहां गलत इलाज से जवान पुत्र की मौत हो गई थी उसकी भी पीड़ित ने कई जगह शिकायत की मगर आज तक ना तो कोई जांच हुई और ना ही कोई कार्रवाई हुई देखना होगा मासूम की मौत तथा युवक की मौत पर पीड़ित को कब तक न्याय मिलेगा या जांच के नाम पर मजाक व खानापूर्ति होती रहेगी।