IND vs Aus 2020:भारतीय क्रिकेट टीम इन दिनों ऑस्ट्रेलियाई दौरे में एकदिवसीय मैचो को खेल रही है।भारतीय क्रिकेट टीम के कैप्टन विराट कोहली ने अपने पहले बच्चे के जन्म के दौरान अपनी पत्नी अभिनेत्री अनुष्का शर्मा के साथ रहने का निर्णय लिया है ।और जिसके लिए उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में होने वाली टेस्ट सीरीज को बीच में ही छोड़ने का फैसला लिया है , और वो भारत लौट आएंगे । विराट कोहली ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहला टेस्ट मैच खेलने के बाद स्वदेश लौटकर अपनी पत्नी और परिवार के साथ समय बिताएंगे। BCCI विराट कोहली को पितृत्व अवकाश (Paternity leave) की मंजूरी पहले ही दे चुका है। अब देखना यह है कि मिल रही लगातार हर के बाद कोहली टीम में नई जान फूंकेंगे या फिर अपने परिवार को समय देंगे |
एक खिलाडी का जीवन वाकई बड़ा संघर्षों भरा होता है। उसके भी अपने सपने होते हैं किन्तु देशप्रेम के आगे सभी सपने ,इच्छाएं न्योछावर कर देता है,और देश का नाम रोशन करने के लिए खेलता रहता हैं ।
जाने क्या है पितृत्व अवकाश (Paternity leave)
यह एक ऐसा अवकाश है जो किसी खिलाड़ी को तब मिलता है, जब वह पिता बनने वाला होता है या जब वह पिता बन जाता है। हालांकि क्रिकेट जगत में ऐसे भी कई खिलाड़ी हैं जिन्हें यह मौका नहीं मिला या फिर उसके लिए उन्होंने स्वयं से ही कोई पहल नहीं की । या यूं कहें कि जिन्होंने अपने निजी जीवन को राष्ट्रहित से नीचे रखा।आज के दौर में खिलाड़ी प्रोफेशनल होते जा रहे है और अब सभी ने अपने कर्तव्यों और परिवार के बीच संतुलन बनाना सीख लिया है। लेकिन कुछ समय पहले शायद ऐसा नहीं हुआ करता था।
आइये देखते हैं कुछ पूर्व खिलाड़ियों के उदाहरण जिन्होंने ऐसी स्थितियो का कैसे सामना किया……
सुनील गावस्कर को नहीं मिला था पितृत्व अवकाश,पुत्र रोहन को देखने की थी हार्दिक इच्छा।सन 1976 में भारतीय बल्लेबाज सुनील गावस्कर न्यूजीलैंड में एक सीरीज में हिस्सा ले रहे थे।तभी गावस्कर को अपने पुत्र (रोहन गावस्कर )के जन्म की खबर मिली। उस समय गावस्कर भारत वापस लौटना चाहते थे क्योंकि भारतीय टीम को जल्द ही अगली सीरीज में वेस्ट इंडीज के खिलाफ हिस्सा लेना था। लेकिन तब उस समय BCCI ने गावस्कर को पितृत्व अवकाश की इजाजत नहीं दी थी। उस समय वेस्टइंडीज के गेंदबाज अपनी धारधार खतरनाक गेंदबाजी के लिए विख्यात थे। उस समय गावस्कर को भय था कि कहीं अपने बेटे को देखने से पहले ही वो घायल न हो जाए । और एक मैच में ऐसा ही हुआ कि वेस्ट इंडीज के तेज गेंदबाजों ने अपनी खतरनाक बाउंसर्स से भारतीय टीम के पाँच खिलाड़ियों को चोटिल कर दिया था और सभी को अस्पताल में ले जाना पड़ा था। लेकिन उसी मैच में गावस्कर ने समर्पण का भाव दिखाते हुए अंशुमन गायकवाड़ के साथ मिलकर 131 रनों की साझेदारी की थी। और गावस्कर लगभग ढाई महीने के बाद भारत वापस लौटे थे ,तब गावस्कर ने लंबे अंतराल के बाद पहली बार अपने बेटे का चेहरा देखा था ।
धोनी ने बोला राष्ट्र-सेवा ही सर्वोपरि..!!
वर्ष 2015 में जब भारतीय टीम वर्ल्ड कप की तैयारी के लिए ऑस्ट्रेलिया में वार्म अप मैच खेल रही थी. तब भारतीय टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के घर एक नन्ही सी परी जैसी बेटी जीवा का जन्म हुआ।धोनी की पत्नी साक्षी धोनी को बेटी के जन्म के बारे में बताना चाहती थी लेकिन उस समय धोनी ने अपने पास मोबाइल फोन नहीं रखा हुआ था। तब साक्षी ने बेटी के जन्म की सूचना टीम के साथी खिलाड़ी सुरेश रैना को दी और इसके बाद रैना के द्वारा ये खुशखबरी धोनी तक पहुँची ।उस समय जब पत्रकारों ने महेन्द्र सिंह धोनी से पितृत्व अवकाश की राय जाननी चाही तो धोनी ने कहा कि मै इस समय अपने देश की सेवा कर रहा हूँ।और बाकी सभी चीजों का इंतजार भी किया जा सकता हैं। इस समय मेरे लिए राष्ट्र सेवा ही सर्वोपरि है।
सचिन तेंदुलकर ने दी थी मैदान से ही अपने पिता को श्रद्धांजलि
बात है वर्ष 1999 की जब इंग्लैंड में क्रिकेट वर्ल्ड कप चल रहा था।भारत इस वर्ल्ड कप में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपना पहला मैच हार चुका था। और दूसरा मैच जिम्बाब्वे के साथ खेले जाने को था। इसी दौरान सचिन को अपने पिता की मृत्यु की खबर मिली। जिसके बाद सचिन स्वदेश लौट आए। परिणामस्वरूप भारतीय टीम जिम्बाब्वे के खिलाफ भी मैच हार गई।लेकिन सचिन ने अपनी टीम को कठिनाई में देखकर मात्र 4 दिनों में ही इंग्लैड वापस लौट आए और अगले ही मैच में सचिन ने केन्या के खिलाफ नाबाद 140 रनों की शानदार पारी खेली और आसमान की ओर देखकर अपने पिता जी को श्रद्धांजलि दी थी।जसके बाद पूरा स्टेडियम भावयुक्त हो गया था।
स्कोरबोर्ड के जरिए एलन बॉर्डर को मिली बेटी के जन्म की सूचना
ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर एलन बॉर्डर वर्ष 1986 में सिडनी के मैदान में भारत के खिलाफ टेस्ट मैच खेल रहे थे। उस समय ऑस्ट्रेलिया की टीम मैच को किसी तरह से ड्रॉ कराने के लिए संघर्ष कर रही थी। इसी दौरान एलन बार्डर की पत्नी ने एक बेटी को जन्म दिया।बॉर्डर इस बेहतरीन पल के गवाह बनना चाहते थे लेकिन वो उस समय भारत के खिलाफ अपनी टीम को जीत दिलवाने की कोशिश कर रहे थे,और तब बॉर्डर को बेटी की जन्म की खुसखबरी एवं बधाई स्कोर बोर्ड के जरिए प्रदान की गई।
स्वयं विराट कोहली ने भी दिखाया था समर्पण का भाव
बात वर्ष 2006 की है जब विराट कोहली दिल्ली की रणजी टीम के लिए खेलते थे, तब उन्होंने भी खेल के प्रति जो समर्पण का भाव दिखाया था ,उसके बारे में भी आज हम सभी लोगो पता होना चाहिए। दिल्ली की रणजी टीम का मुकाबला कर्नाटक की टीम के साथ था। दिन की समाप्ति पर कोहली 40 रन बनाकर नाबाद थे। उस समय दिल्ली की टीम पर फॉलोऑन का खतरा मँडरा रहा था। दुर्भाग्यपूर्ण उसी रात दिल का दौरा पड़ने से विराट कोहली के पिता जी की मृत्यु हो गई। तब विराट कोहली केवल 18 वर्ष के थे। विराट कोहली ने सुबह अपने पिता का अंतिम संस्कार किया और मैच को पूरा करने के लिए मैदान में वापस भी आ गए थे। तब कोहली ने अगले दिन 90 रनो की पारी खेल अपनी टीम को फॉलो ऑन से बचा लिया था ।
रोहित शर्मा भी चोट की वजह से पहले दो टेस्ट मैचों का हिस्सा नही होगें
विराट कोहली पहला टेस्ट मैच खेल स्वदेश लौट जाएंगे ,और चोट की वजह से टीम इंडिया से बहार चल रहे रोहित शर्मा के खेलने पर सस्पेंस अब भी बरकरार है।भारतीय टीम द्वारा खेले गए दो एकदिवसीय मुकाबलो में भारत को हार का ही मुंह देखना पड़ा है। लिहाजा टेस्ट मैचों में दोनो की अनुपस्थिति टीम को संकट में डाल सकती है।
टेस्ट सीरीज है महत्वपूर्ण , ICC World Test Championship का है हिस्सा
भारतीय टीम 17 दिसंबर से अपने टेस्ट मैचों का अभियान एडिलेड के मैदान से प्रारम्भ करेगी।भारत के लिए यह टेस्ट सीरीज बहुत ही मत्वपूर्ण है।भारतीय टीम अभी ICC world test championship की Points table में 360 अंको के साथ टॉप पर चल रही है,एवं ऑस्ट्रेलिया टीम भी 296 अंको के साथ दूसरे स्थान पर है। ऑस्ट्रेलियाई टीम भारत को पछाड़ पहले स्थान पर आने की भरपूर प्रयाश करेगी,लिहाजा भारतीय टीम को अपना स्थान बचाए रखने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा।
जानें क्या है टेस्ट चैंपियनशिप
टेस्ट क्रिकेट को जिंदा बनाए रखने के लिए ICC ने वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप कराने का ऐलान किया था। इसकी शुरुआत 1 अगस्त 2019 से इंग्लैंड बनाम ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली जाने वाली एशेज सीरीज से हुई थी।यह चैंपियनशिप आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में शीर्ष पर काबिज नौ देशों के बीच दो साल तक खेली जाएगी। इस दौरान सभी टीमें 6 टेस्ट श्रृंखलाएं खेलेंगी। आखिर में जिन दो टीमों के सबसे ज्यादा अंक होंगे, उनके बीच इंग्लैंड में लॉर्ड्स के मैदान में 2021 में जून के महीने में फाइनल खेला जाएगा।
Information Source – Zee News DNA