यूपी उपचुनाव 2024 (UP By- Elections): उत्तर प्रदेश में विधानसभा की खाली हुई सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तारीखें घोषित कर दी गई हैं। चुनाव आयोग ने मंगलवार को महाराष्ट्र और झारखंड के साथ-साथ उत्तर प्रदेश की 9 सीटों पर भी मतदान की तारीखों का ऐलान किया। इन नौ सीटों पर मतदान 13 नवंबर को होगा और नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। इस दौरान, अयोध्या जिले की मिल्कीपुर सीट के उपचुनाव की तारीख पर असमंजस बरकरार है।
मिल्कीपुर सीट का मामला क्यों रुका है?
मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव नहीं होने का कारण कोर्ट का लंबित मामला है। 2022 के विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी (सपा) के अवधेश प्रसाद ने इस सीट से जीत दर्ज की थी। बाद में वे बीजेपी के उम्मीदवार लल्लू सिंह को फैजाबाद से हराकर सांसद बन गए, जिससे यह सीट खाली हो गई। मिल्कीपुर सीट (Milkipur Seat) पर चुनाव को लेकर बीजेपी के पूर्व विधायक गोरखनाथ बाबा (Gorakhnath Baba) ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है। जब तक कोर्ट का निर्णय नहीं आता, इस सीट पर चुनाव की घोषणा नहीं की जाएगी।
किन सीटों पर होंगे उपचुनाव?
यूपी की जिन नौ सीटों पर उपचुनाव होंगे, उनमें प्रमुख सीटें हैं:
- मैनपुरी – करहल
- कानपुर – सीसामऊ
- प्रयागराज – फूलपुर
- अंबेडकरनगर – कटेहरी
- मिर्जापुर – मझवां
- गाजियाबाद – गाजियाबाद सदर
- अलीगढ़ – खैर
- मुजफ्फरनगर – मीरापुर
- मुरादाबाद – कुंदरकी
क्यों हो रहे उपचुनाव?
इन सीटों पर उपचुनाव (By-elections) का कारण विभिन्न पार्टियों के विधायकों के इस्तीफे हैं। जैसे, मैनपुरी के करहल से सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के इस्तीफे के कारण, जबकि अन्य सीटों पर बीजेपी और समाजवादी पार्टी के कई विधायकों के लोकसभा चुनाव या व्यक्तिगत कारणों से पद छोड़ने की वजह से ये सीटें खाली हुई हैं।
राजनीतिक दलों की तैयारियाँ
इन उपचुनावों में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने गठबंधन के संकेत दिए हैं। सपा ने करहल, सीसामऊ, फूलपुर, मझंवा, मिल्कीपुर और कटेहरी सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं, जिनमें तेज प्रताप सिंह यादव (Tej Pratap Singh Yadav), नसीम सोलंकी, मुफ्तफा सिद्दीकी, अजीत प्रसाद, शोभावती वर्मा, और ज्योति बिंद शामिल हैं।
बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने भी चार सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी है, जबकि बीजेपी और कांग्रेस ने अभी अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है। बीजेपी ने संकेत दिया है कि वे 9 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार सकते हैं और एक सीट अपने सहयोगी दल राष्ट्रीय लोकदल (Rashtriya Lokdal) को दे सकते हैं।
किसकी होगी जीत?
उत्तर प्रदेश के इन उपचुनावों में सपा और कांग्रेस के गठबंधन से मुकाबला रोचक बनता जा रहा है। वहीं, बीजेपी ने अपने कार्यकर्ताओं को चुनावी मोड में लाकर पूरी ताकत से लड़ने की योजना बनाई है। इन उपचुनावों के नतीजे प्रदेश की राजनीति के लिए निर्णायक साबित हो सकते हैं और यह देखा जाएगा कि जनता का विश्वास किस पार्टी के प्रति है।
13 नवंबर को होने वाले इन उपचुनावों का परिणाम 23 नवंबर को घोषित होगा, जो यूपी की राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव ला सकता है। प्रमुख पार्टियां अपनी पूरी ताकत झोंक रही हैं, लेकिन कोर्ट में लंबित मिल्कीपुर सीट के उपचुनाव पर स्थिति साफ होने तक सभी की निगाहें इस सीट पर बनी रहेंगी।