औरैया। जिले की तीनों तहसीलों में सीमा स्तंभ ‘सिहद्दा’ की जियो टैगिंग का कार्य तेजी से किया जा रहा है, जो भूमि विवादों के समाधान में अहम भूमिका निभाएगा। शासन के निर्देशानुसार, जियो टैगिंग के बाद इन सीमा स्तंभों की लोकेशन (अक्षांश और देशांतर) डिजिटल प्लेटफार्म पर उपलब्ध रहेगी, चाहे पत्थर खो जाएं। ग्रामीण इलाकों में जमीन विवादों का मुख्य कारण रकबे की अनिश्चितता है। हर ग्राम पंचायत में खेतों और अन्य जमीनों की सीमा निर्धारित करने वाले पत्थर कई बार इधर-उधर हो जाते हैं या लोग उन्हें हटा देते हैं। इससे राजस्व विभाग की टीम को सही माप करने में दिक्कत होती है और उन्हें अन्य संदर्भों का उपयोग करना पड़ता है।
अब, जियो टैगिंग के जरिए हर ग्राम पंचायत में इन सीमा स्तंभों को डिजिटल प्लेटफार्म पर सुरक्षित रखा जाएगा। इससे पत्थरों के खो जाने पर भी मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से उनकी सटीक लोकेशन प्राप्त की जा सकेगी। इससे भूमि विवादों के समाधान में सटीकता और तेजी आएगी, और राजस्व विभाग को विवाद निपटाने में आसानी होगी। जिले की कुल 477 ग्राम पंचायतों में राजस्व विभाग के कर्मचारी सीमा स्तंभों की स्थिति को अक्षांश और देशांतर रेखाओं के आधार पर रिकॉर्ड कर रहे हैं। यह कार्य 26 जून तक पूरा होने की उम्मीद है। इसके बाद, निर्माणदायी संस्था को कार्य सौंपा जाएगा, जो प्रत्येक ग्राम पंचायत में राजस्व कर्मियों के सहयोग से सिहद्दा के पत्थर लगाएगी। लापता पत्थरों को भी सूचीबद्ध किया जा रहा है।
स्थायी सीमा स्तंभ लगने के बाद लेखपाल उनकी निगरानी करेंगे। पूरे जिले में बड़े पैमाने पर सीमा स्तंभों का निर्माण टेंडर प्रक्रिया के तहत किया जाएगा। इन पत्थरों पर विशेष अंकों की कोडिंग होगी ताकि उनकी लोकेशन न बदले और वे सुरक्षित रहें। लेखपाल अपने क्षेत्रों में इनकी निगरानी करेंगे और भूमि विवादों के समाधान में इन बिंदुओं को परखा जाएगा।
ग्रामीण इलाकों में जमीन विवादों का एक प्रमुख मसला यह है कि कागजों में दर्ज रकबा धरातल पर सही न मिलने पर किसान परेशान होते हैं। नदी किनारों और ऊबड़खाबड़ जगहों पर खेत के रकबे को लेकर किसानों को कठिनाई होती है। सिहद्दा की जियो लोकेशन के बाद, यह प्रक्रिया आसान हो जाएगी और विवाद तेजी से सुलझाए जा सकेंगे। यह सर्वे कार्य विवाद निपटाने में काफी राहत देगा।
अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व महेंद्र पाल सिंह के अनुसार, जिले की 477 ग्राम पंचायतों में सीमा स्तंभों का सर्वे किया जा रहा है। लेखपाल इन सीमा स्तंभों की जियो लोकेशन तैयार कर फीडिंग कर रहे हैं। जिन सिहद्दों पर पत्थर नहीं लगे हैं, उन्हें चिह्नित किया जा रहा है। 26 जून तक पूरी रिपोर्ट प्राप्त हो जाएगी, जिसके बाद निर्माण विभाग इन स्थानों पर कोडिंग के साथ पत्थर लगाएगा। सिहद्दों की जियो लोकेशन तय हो जाने के बाद माप सटीकता के साथ होगी और तमाम विवाद आसानी से सुलझ जाएंगे।