अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने रक्षा मंत्रालय द्वारा शुरू की गई ‘अग्निपथ योजना’ का सह्रदय स्वागत किया है। बता दें कि यह योजना युवाओं को रक्षा प्रशिक्षण में सशक्त बनाएगी है, इसके साथ ही राष्ट्र की सुरक्षा के लिए एक बेहद अहम कदम मानी जा रही है। वहीं अग्निपथ योजना सशस्त्र बल में भागीदारी के लिए एक अखिल भारतीय अल्पकालिक सेवा युवा भर्ती योजना शुरू की गयी है।
इस योजना के माध्यम से सशस्त्र बल का हिस्सा बनने वालों को अग्निवीर कहा जाएगा जिन्हें 4 साल के लिए विभिन्न इलाकों जैसे रेगिस्तान, पहाड़, भूमि, समुद्र या हवा में सशस्त्र बल के साथ काम करने का मौका मिलेगा। वहीं अग्निपथ योजना के तहत, वार्षिक 45,000 से 50,000 सैनिकों की भर्ती की जाएगी, जिसमें से अधिकांश अग्निवीर केवल 4 वर्षों में यह सेवा छोड़ देंगे, इन कुल वार्षिक भर्तियों में से केवल 25% को ही स्थायी कमीशन के तहत अगले 15 वर्षों तक सशस्त्र बल में सेवा जारी रखने की अनुमति देने का प्रावधान किया गया है। वहीं इसके बारें में बोलते एआईसीटीई के अध्यक्ष डॉ. अनिल सहस्रबुद्धे ने सरकार की इस पहल की सराहना की है साथ ही कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सुरक्षा कैबिनेट कमेटी और रक्षा मंत्रालय की इस शानदार पहल का स्वागत करते हैं।
जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और 4 साल की सेवा के दौरान युवाओं द्वारा अर्जित कौशल के कारण उन्हें विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार मिलेगा। एआईसीटीई, एनसीएफ ढांचे के अनुसार अनुभवात्मक सीखने वाले सभी अग्निवीर को उचित माध्यम देगा। इसके साथ ही उन्होंने बतलाया कि कैसे स्नातक कार्यक्रम के लिए यूजीसी / एआईसीटीई के ढांचे के अनुसार अग्निपथ योजना के तहत सशस्त्र बलों में अग्निवी’ की सेवा के दौरान प्राप्त कौशल की पहचान के लिए, एआईसीटीई काम करेगा।