डेस्क रिपोर्ट- टोक्यो ओलिंपिक में भारत को एक सोने की कमी थी, वह आज भारतीय सेना की चौथी बटालियन राजपूताना राइफल्स के सूबेदार नीरज चोपड़ा विशिष्ट सेवा मेडल ने पूरी की। यह समाचार सुनकर जिले के पूर्व सैनिकों में खुशी छा गई। जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल संजीव वार्ष्णेय ने बताया कि ओलिंपिक खेलों के 125 साल के इतिहास में पहली बार व्यक्तिगत ट्रैक और फील्ड स्पर्द्धाओं में एथलीट नीरज चोपड़ा ओलिंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय हैं। भारतीय सेना ने देश को महानतम खिलाड़ी हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के रूप में दिया है जिनके नाम पर अब खेल रत्न पुरस्कार दिया जाएगा । इस बार के ओलिंपिक में देश का यह पहला गोल्ड है। हॉकी के अलावा सिर्फ दो स्वर्ण पदक मिले हैं, 2008 में शूटर अभिनव बिंद्रा को और अब नीरज चोपड़ा को। इस ओलिंपिक में मीराबाई चानू, रवि दहिया, पी वी सिंधु, लवलीना,बजरंग पुनिया और हॉकी टीम के बाद आज एथलीट नीरज ने युवाओं के मन में पदक की ललक पैदा की है, उसके नतीजे आने वाले ओलिंपिक खेलों में ज़रूर देखने को मिलेंगे। भारतीय सेना के खिलाड़ी लगभग हर स्पर्धा में हैं और उन्होंने भी बेहतरीन प्रदर्शन किया है चाहे कोई पदक न प्राप्त कर पाए हों।
सूबेदार नीरज चोपड़ा, आपकी सुनहरी उपलब्धि पर देश को गर्व है। आपने भारतीय सेना के सभी सैनिकों और पूर्व सैनिकों का मान बढ़ाया है।